माघ पूर्णिमा का क्या है महत्व? नौ ग्रहों की उपासना करने से होगा लाभ

पूर्णिमा तिथि पूर्णत्व की तिथि मानी जाती है. इस तिथि के स्वामी स्वयं चन्द्रदेव हैं. इस तिथि को चन्द्रमा सम्पूर्ण होता है. सूर्य और चन्द्रमा समसप्तक होते हैं. इस तिथि पर जल और वातावरण में विशेष उर्जा आ जाती है. इसलिए नदियों और सरोवरों में स्नान किया जाता है. माघ की पूर्णिमा इतनी ज्यादा महत्वपूर्ण है कि इस दिन नौ ग्रहों की कृपा आसानी से पायी जा सकती है. इस दिन स्नान,दान और ध्यान विशेष फलदायी होता है. माघ पूर्णिमा पर ग्रहों के किये किया गया दान विशेष फलदायी होता है. इस बार माघ की पूर्णिमा 09 फरवरी को हैI


- माघ नक्षत्र में चन्द्रमा की उपस्थिति होगी


- शुक्र अपनी उच्च राशि में विद्यमान रहेगा


- बृहस्पति और चन्द्रमा का सम्बन्ध बना रहेगा


- माघ की पूर्णिमा को स्नान करने से, माघ मास के व्रत का भी पूर्ण फल मिलेगा


- इस समय स्नान से पुण्य के अलावा अमृत तत्व भी मिल सकता है


किस प्रकार करें स्नान?


- प्रातः काल स्नान के पूर्व संकल्प लें


- फिर नियम और तरीके से स्नान करें


- स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य दें


- साफ़ वस्त्र या सफेद वस्त्र धारण करें , फिर मंत्र जाप करें


- मंत्र जाप के पश्चात अपनी आवश्यकतानुसार दान करें


- चाहें तो इस दिन जल और फल ग्रहण करके उपवास रख सकते हैं